आसनसोल : बिजली के टैरिफ के मुद्दे को सुलझाने के लिए मंगलवार को पश्चिम बर्दवान जिला के जिला शासक एस अरुण प्रसाद ने जिला शासक कार्यालय में एक बैठक बुलाई। जिसमें विभिन्न चेंबर ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधि,कई बड़े उद्योगपति, बिजली वितरण कंपनी डीभीसी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और इंडिया पावर कारपोरेशन लिमिटेड के एचआर मैनेजर उपस्थित थे। इस बैठक में हुई चर्चा की जानकारी देते हुए एक प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि उद्योगपतियों को डीभीसी और इंडिया पावर कंपनियों के द्वारा पिछला बकाया पैसा रिफंड करना है।वही उद्योगपतियों को बिजली वितरण कंपनियों को एरियर देना है। यह समस्या टैरिफ के लेकर हुई है। रेगुलेटरी कमीशन बोर्ड के द्वारा 2019-20 का टैरिफ लागू कर दिया है। जिला शासक राज्य के बिजली विभाग से अनुरोध करेंगे की जल्द ही रेगुलेटरी कमिशन एपीआर कैलकुलेशन कर दे। उन्होंने कहा कि यदि उद्योगपतियों को एरियर देना पड़ेगा। तो उनको थोड़ा हानि होगा। लेकिन रेगुलेटरी कमीशन जो फैसला करेगा। उसे दोनों पार्टी को स्वीकार करना होगा। तभी हम इस दिशा में आगे बढ़ सकेंगे। वही उद्योगपतियों का कहना था कि इन उन लोगों का इंडिया पावर के साथ 5 साल का समझौता हुआ था। 2014-15 और 2015-16 में उन लोगों ने एडवांस पैसा दिया था। उस समय इनकी टैरिफ कम थी। इसलिए उनको पैसा रिफंड करना था। लेकिन कंपनियों ने पैसा रिफंड नहीं किया।4 साल बीत चुके हैं। कह रहे हैं कि आप लोग एरियर दीजिए। इनकी टैरिफ बढ़ गई है। यदि उद्योगपति पिछले बकाया पैसा एरियर देंगे तो उद्योग चौपट हो जाएगा। कंपनियां पहले उनका पैसा सूद समेत वापस दे।उसके बाद एरियर की बात करें। हालांकि उद्योगपतियों ने आशा जताई कि जिला शासक के हस्तक्षेप के बाद इस समस्या का समाधान हो जाएगा। बहरहाल इस समस्या का समाधान राज्य रेगुलेटरी कमिशन के फैसला पर निर्भर है।